tag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post4127955619600827837..comments2023-10-17T01:05:42.304-07:00Comments on बतकही: आशीष कुमार 'अंशु' की तीन कवितायेँ आशीष कुमार 'अंशु'http://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-56700727988749821762013-01-05T07:18:30.711-08:002013-01-05T07:18:30.711-08:00अद्भुत कविता...परिपक्व सोच ..सुन्दर शिल्प..सार्थक ...अद्भुत कविता...परिपक्व सोच ..सुन्दर शिल्प..सार्थक बातें..साधुवाद.पंकज कुमार झा.https://www.blogger.com/profile/00871035880818959043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-26712770912602245732013-01-02T19:33:20.744-08:002013-01-02T19:33:20.744-08:00बहुत सटीक बातें कही हैं आपने ।किसी भी आन्दोलन की श...बहुत सटीक बातें कही हैं आपने ।किसी भी आन्दोलन की शुरुवात घर से ही होनी चाहिए ।जागरूक करने के पहले जागरूक होना ज़रूरी है ।kavita vikashttps://www.blogger.com/profile/10151317721264000986noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-75609741714710678622013-01-02T09:00:36.885-08:002013-01-02T09:00:36.885-08:00सुन्दर प्रस्तुति
बधाई
आर्यावर्तसुन्दर प्रस्तुति <br />बधाई <br /><br /><a href="http://www.liveaaryaavart.com" rel="nofollow">आर्यावर्त</a>आर्यावर्त डेस्कhttps://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-8904896832408164182013-01-02T07:33:57.252-08:002013-01-02T07:33:57.252-08:00अच्छा लगा आपकी कविताओं से गुजरकर, गालियों को बदलन...अच्छा लगा आपकी कविताओं से गुजरकर, गालियों को बदलने की जगह मिटाना अच्छा होगा Kumar Mukulhttps://www.blogger.com/profile/04890735360499335970noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-22664839719496078892013-01-02T06:30:03.704-08:002013-01-02T06:30:03.704-08:00यह अच्छी बात है कि आप इस तरह सोच सकते हैं | सच यह...यह अच्छी बात है कि आप इस तरह सोच सकते हैं | सच यही है भी | यह समझ अधिकाँश पुरुषों में पैदा हो जाए तो पूरा समाज बदल जाए ... लेकिन स्त्री की पीडा का इतिहास तो दबी हुई सिसकियों का इतिहास है | जब शिक्षा के अवसर आये तो देखिये क्या हुआ , एक लड़की ने पूरे समाज की चेतना को झकझोर दिया | इसलिए तो सामन्ती सोच वाले पुरुष उसे अँधेरे में रखते हैं .... जबकि समाज को बदलने की क्षमता भी उसी के पास है | एक सुसंस्कृत स्त्री पूरे परिवार को संस्कार देती है और उन अच्छे संस्कारों की जरूरत पुरुष को ही अधिक है |<br />शुभकामनाएं!<br />इला<br />Ilahttps://www.blogger.com/profile/15571289109294040676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5826908165840830090.post-48128003990364825372013-01-02T05:06:24.205-08:002013-01-02T05:06:24.205-08:00Adbhut acchi bhavnayen hainAdbhut acchi bhavnayen hainRaqimhttps://www.blogger.com/profile/17437813938793932112noreply@blogger.com