'कल इतनी इम्पोर्टेन्ट न्यूज़ तुमने मिस कर दी। पता है तुम्हे मालीक का फ़ोन आ गया।'
'कौन सी ख़बर सर ?'
आउटपुट एडिटर अपनी धून में था। प्रोड्यूसर की बात उसने सुनी नहीं या जानबूझकर कर अनसुनी कर दी, कहा नहीं जा सकता है। वह चीख रहा था-
'न्यूज़ सेंस नाम की कोई चीज नहीं है तुम्हारे अंदर। अगर नौकरी नहीं करना चाहते तो चले जाओ, क्यों चॅनल की नाक कटाने पर तुले हो?'
'सर आपने बताया नहीं कौन सी महत्वपूर्ण ख़बर कल चल नहीं पाई ?'
'कल स्टेज पर राखी सावंत की चोली खुल गई। उस इम्पोर्टेन्ट ख़बर को दिखा-दिखाकर सभी चैनलों ने जमकर टीआरपी बटोरी। बस एक भोले बाबा आप तक ही यह ख़बर नहीं पहुच पाई।'
आउटपुट एडिटर मानों अपने आप से बात करता हुआ न्यूज़ रूम से बाहर निकल गया।
'पत्रकार बिरादरी में हमारी कितनी थू-थू हो रही है। न्यूज़ सेंस नाम की कोई चीज नहीं है यहाँ किसी के पास।'
गुरुवार, 3 अप्रैल 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
अब तो लगता है फैशन शो के इवेंट मैनेजर हर शो में एक ऐसी मॉडल ढूंढकर लाते हैं जो कपडे खोलने को तैयार हो।
बस हिट करने के लिए कपडे खुलवाते नहीं सरकवाते हैं। अपना और उनका दोनों का ही पेट पल जाता है।
एक टिप्पणी भेजें