इनका नाम है श्री एस एस यादव जी। ये कल्यानपुर कृषी विश्वविद्यालय, कानपुर के उपकुलपति प्रोफेसर बी के सूरी के निजी सचिव हैं।
पिछले दिनों एक पत्रकार ने जब इनसे जाकर पूछा कि - क्या डॉक्टर सूरी से मिलने का समय मिल सकता है?
सचिव साहब का पाडा सातवे के आसपास वाले किसी आसमान पर चढ़ गया।
वे बोले- तुम्हे प्रोटोकाल का ज़रा भी ख्याल नहीं। यह बोलने की तमीज होती है। डॉक्टर सूरी। जैसे वे तुम्हारे कोई दोस्त हों।
जब पत्रकार ने अपनी गलती जाननी चाही तो श्री यादव जी बोले- 'तुम्हे पुछना चाहिय डॉक्टर प्रोफेसर बी के सूरी जी हैं क्या? '
अब अपने पत्रकार को तो प्रोटोकाल का ख्याल नहीं रहा, आपमे से कोई उनसे मिलने जाय तो प्रोटोकाल का ख्याल अवश्य रखे।
1 टिप्पणी:
bahut sahi!!
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