शनिवार, 7 फ़रवरी 2009
हरिद्वार में रावण राज
हाल में ही हम कुछ दोस्त हरिद्वार गए. वहाँ एक जगह 'रावण राज' का यह पोस्टर देख कर सभी दोस्त देर तक हँसे. एक साथी की बात 'पूरे देश में तो था ही अब हरी की नगरी में भी इनका (रावण) ही राज कायम हो गया.'सच-सच कहिए- क्या पोस्टर देखने के बाद सम्राट गिल्विस (शक्तिमान वाले) याद नहीं आते- तो मान लें सरकार - अँधेरा कायम है. (हूजूर अँधेरा कायम रहेगा - आपका क्या ख्याल है?) डरता हूँ ना जाने किस तरफ़ से कौन सा शिबू सोरेन खडा हो जाए और फतवा (धर्माज्ञा) जारी कर दे कि हमारे राज में कोई रावण का पुतला नहीं जलाएगा. जलाई जाएँगी सिर्फ़ गरीब की झोपडियां.
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7 टिप्पणियां:
आशीष जी,
हरिद्वार भी आम शहरों के तरह एक शहर ही है. वहां पर हम जैसे ही लोगबाग रहते हैं. केवल साधू सन्यासी ही नहीं रहते. आप हरिद्वार गए, अच्छा है, तो क्या हरिद्वार में आपको ये ही चीज दिखाई दी?????
ये चीजें शहर के लोगों के मनोरंजन के लिए हैं, हम आप जैसे श्रृद्धालुओं के लिए नहीं.
हाँ ऐसा हो तो सकता है। आज़ाद देश है।ः)
एक टेलीविजन धाराविहक की याद आ रही है अंशु । नाम भूल रहा हूं, उसमें खलनायक बोलता है- अंधेरा कायम रहे।
लेकिन आप खबराए नहीं, आप ही तो कहते हैं कि देश के कई इलाकों में ढेर सार्थक कम हो रहे हैं..
तो रावण को तजिए और एक खुशहाल देश बनाने में सहयोग करें..
अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा।
are yar aur bhi to kuch khash hoga
बन्धु फ़िल्म का पोस्टर तो हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में मिल सकता है. तीर्थ नगरी में भी.
मुसाफिर भाई, शोभा जी, गिरीन्द्र भाई, हेम भाई और प्रभात सर मैंने यह पोस्ट आप लोगों को 'पोस्टर' दिखाने के लिए नहीं डाली थी. वैसे मुझे लगता है मैं ही अपनी बात सही तरीके से रख नहीं पाया. ब्लॉग तक आने और टिप्पणी के लिए आभार.
अंशु भाई...आपके पोस्ट पर कमेंट देख कर मज़ा आ गया। वैसे आप भूल रहे हैं कि आप भी हमारे साथ थे.....
याद आया क्या....?
नहीं आए तो बताईएगा.... मैं पुन: एक और कमेंट कर दुंगा....
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