२१ मार्च की सुबह ३ बजे दिल्ली से पटना जाते हुए, पटना-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में अचानक भगदड़ मची. क्या हुआ? जब जानने की कोशिश की तो पता चला, पेंट्री कार के डब्बे में आग लगी है. जानमाल की क्षति नहीं हुई है. राजधानी में मार्च महीने में घटी यह आगजनी की दूसरी बड़ी घटना थी. इश्वर कृपा से दोनों घटनाओं में किसी के जान माल की क्षति नहीं हुई. पहली घटना ०८ मार्च २००९ (दिन रविवार) को घटी थी. राजधानी इस देश की सबसे अच्छी ट्रेन है. यदि वहां भी आलम अन्य ट्रेनों जैसा ही है तो स्थिति शर्मनाक ही कही जाएगी. राजधानी ने अपने सुविधा में कटौती पहले ही कर दी है और उसके बावजूद यदि यात्रा भी सुरक्षित नहीं होती तो कोई क्यों इसकी यात्रा करे_ अन्य किसी भी ट्रेन से अधिक किराया देकर?
रविवार, 29 मार्च 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
5 टिप्पणियां:
लापरवाही की कोई भी हद नहीं कुछ भी हो जाये जांच तो होगी ही । परिणाम क्या ? कुछ भी नहीं
राजधानी कोई भी हो
चाहे देश की
या रेल की
आग दोनों में
लगी हुई है
।
फर्क इतना भर है
कहीं पेन्ट्री जल रही है
कहीं पब्लिक धधक रही है
आग चुनावों की भी
आजकल लग रही है।
सुरक्षा की व्यवस्था तो हर जगह होनी चाहिए ... क्या सामान्य लोगों की जान की कीमत नहीं ... वैसे अधिक पैसे चुकानेवाले तो अधिक सुरक्षा की सोचेंगे ही ।
jab rajdhani hi surakhchit nahi to anay jagah kya haal hoga iska anumaan lagaya jaa sakta hai
jab rajdhani hi suraksit nahi ho to anay jagah kya haal hoga iska sahaj anumaan lagaya jaa sakta hai
एक टिप्पणी भेजें