समझ नहीं आता इस मेल का जवाब क्या दूं, सवाल ही थोडा अटपटा है मगर है मसला गंभीर, आखिर लड़कों का दिल इतना नाजुक क्यों होता है, जो मानों हमेशा पिघलने को तैयार होता है. दूसरी तरफ लड़कियां हैं...
वल्ल्लाह क्या कहें ... आप खुद ही देख लें उनको खुश करने के लिए क्या-क्या करना पङता है... मेल के अनुसार लड़कियां २५ रूपये में पुरूष का दिल जीत सकती है और लड़कों के लिए पूछिए मत ...
शनिवार, 9 मई 2009
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4 टिप्पणियां:
इत्ता ज्यादा भी न खुश कर दो कि खुशी झेल ही न पायें. :)
महंगा नहीं
गहना ही है
किसी स्त्री
को मनाना।
आखिर भगवान् कहीं तो इन्साफ करेगा ....
स्त्री होना जितना सस्ता है
उसे मनाना उतना ही कठिन
आपने यह तो सुना ही होगा-
रुठे रब को मनाना आसान है,
रुठे यार को मनाना मुश्किल।
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