शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

इंडिया टी वी की हद

रजत जी - रजत जी हद कर दी आपने

यह तस्वीर युवा पत्रकार रितेश पाठक के सौजन्य से प्राप्त हुई.

8 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

लानत है

निशाचर ने कहा…

बेहद घटिया!!! ............. आखिर हिंदी न्यूज़ चैनलों के पतन का अगुआ भी तो इंडिया टी0 वी0 ही है...........

aarya ने कहा…

इंडिया टी वी इतनी सामाजिक है की उसे मालूम ही नहीं है की समाज क्या है और उसकी मर्यादाएं क्या है ?
उसकी सूरत दिखने के लिए धन्यवाद !

Kapil ने कहा…

भैया ये इंडिया टीवी है या मनोहर कलियां।

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

सफाई कुछ यूं होगी - "टीवी समाज का आईना है, हम वो ही दिखाते है जो भाषा और चित्र दर्शकों को आसानी से समझ आते हैं।"

Sanjay Tiwari ने कहा…

सही पकड़ा. और चौथी दुनिया वालों का विज्ञापन भी ठीक नीचे ही आ रहा है.

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Jai ho...

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

सच में हद तो हो ही गई है

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम