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मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
चले आओ चक्रधर चमन में
1 टिप्पणी:
विनीत कुमार
ने कहा…
आशुतोषजी,आपका कमेंट समझा नहीं। आदत बस कर दी है क्या बिना कंटेंट को समझे ही।..
7 अप्रैल 2010 को 12:08 pm बजे
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आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम
मेरे बारे में
आशीष कुमार 'अंशु'
हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही, हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!!
हम हैं दिल की आवाज़...
न किसी का ज़ात जानते हैं,
न किसी की औक़ात जानते हैं....
जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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आशुतोषजी,आपका कमेंट समझा नहीं। आदत बस कर दी है क्या बिना कंटेंट को समझे ही।..
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