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गुरुवार, 8 अप्रैल 2010
ब्रेख्त
1 टिप्पणी:
NILAMBUJ
ने कहा…
BADHIYA KAVITA!
10 अप्रैल 2010 को 7:28 am बजे
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आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम
मेरे बारे में
आशीष कुमार 'अंशु'
हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही, हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!!
हम हैं दिल की आवाज़...
न किसी का ज़ात जानते हैं,
न किसी की औक़ात जानते हैं....
जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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