बुधवार, 7 मई 2008

भारत के लोग अधिक खा रहे हैं


भारत को हमेशा दुष्यंत की नजर से देखा है मैंने। यहाँ तो सिर्फ़ भूखे और नंगे लोग रहते हैं .... वाले दुष्यंत। या फ़िर पी साईनाथ की नजर से, जिन्होंने हमेशा देश के सबसे पिछडे पांच फीसदी लोगों के सम्बन्ध में लिखा, उनके हित की बात की।
लेकिन अब पता चला यह सारी तस्वीर झूठी थी। भारत में गरीबी नहीं हैं। यहाँ के लोग अधिक खाने लगे हैं। फ़िर से यहाँ दूध की नदियाँ बहने लगी हैं।
यह अमेरिकी बुश और भारतीय शरद पवार कहते हैं। वैसे भारतीयों का यह अधिक खाना भी भारत के लिय सम्मान की बात नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रिय शर्म की बात बना दी गई, क्योंकि भारत वाले अधिक खाने लगे इस वजह से दुनिया भर में अनाज का संकट आ गया। ऐसा बताया जा रहा है।
जबकि आंकडों की बात करे तो भारत में दुनिया भर के कुपोषित व्यक्तियों का एक तिहाई हिस्सा रहता है।
अगर इस वर्ग को भर पेट भोजन मिले तो हालत क्या होंगे?

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आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम