मंगलवार, 24 जून 2008

ट्रेन में भिखारी कलाकार


इस कलाकार से मेरी मुलाकात दिल्ली से पटना जाते हुए मगध एक्सप्रेस में हुई थी। यह कलाकार मुझे ट्रेन में भीख मांगता हुआ, आरा के पास मिला। यह ठीक से बोल नहीं सकता, ठीक से देख भी नहीं सकता। लेकिन बिना किसी वाद्य यन्त्र की सहायता लिए यह जिस तरह की ध्वनी निकाल रहा था, वह काबिलेगौर ही नहीं, काबिलेतारीफ भी था।
क्या किसी रियलिटी शो में इसे जगह मिल सकती है?










5 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Considering the fact that it could be more accurate in giving informations.

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा ने कहा…

ah guru man gye

आलोक साहिल ने कहा…

वाह भाई जी!झकझोरने वाली बात कही आपने.
आलोक सिंह "साहिल"

Udan Tashtari ने कहा…

क्या कहें-ऐसे कितने ही कलाकार यूँ ही दम तोड़ देते है रोज..

सुशील छौक्कर ने कहा…

आह री जिंदगी

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम