मंगलवार, 29 जुलाई 2008
औरंगजेब और फिरंगजेब की कथा
आज आपको मुजफ्फरपुर के पतियासी गाँव के औरंगजेब और फिरंगजेब की कथा सुनाते हैं. दोनों भाई हैं. तस्वीर में जो ऊपर दिख रहा है, वह औरंगजेब है और जो नीचे है वह छोटा भाई फिरंगजेब. दोनों स्कुल में पढ़ते हैं. आज मुजफ्फरपुर में बारिश हुई. अब्बू की तबियत थोडी ख़राब थी फ़िर क्या दोनों भाई उतर गए अपने खेत में. फसल बोने के लिए. अच्छा है ना. एक बात और बातचीत में फिरंगजेब ने बताया की उसे अपना नाम पसंद नहीं है. वह इसे बदलना चाहता है. खैर, आपके पास कोई अच्छा नाम हो फिरंजेब के लिए तो बताइएगा.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
3 टिप्पणियां:
दोनों भाई सलाम करने योग्य हैं...बारिश में धान बो रहे हैं...निकम्मे तो नहीं हैं...औरंगजेब के भाई का नाम नारंग जेब होना चाहिए था...याने एक को हम कहते की ओ भाई मेरी जेब रंग जा और दूसरे को कहते की मेरी जेब ना रंग.
नीरज
नीरज भइया से सहमत हूँ.
नाम में क्या रखा है, बालक कर्मठ हैं, कुछ कर जायेंगे.
एक टिप्पणी भेजें