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रविवार, 24 अगस्त 2008
लाफ्टर ने दिया है नए लोगों को मौका
पारस भाई लाफ्टर के क्रिएटिव टीम से जुड़े हुए हैं, इस बार उनकी बात. किस तरह लाफ्टर की वजह से समाज के पिछ्डे वर्ग से ताल्लुक रखने वाले लोगों को आगे आने का मौका मिल रहा है.
1 टिप्पणी:
pallavi trivedi
ने कहा…
aapne jo akhbaar cutting lagayi hai...dikhayi nahi de raha ki usme kya likha hai.
24 अगस्त 2008 को 11:40 pm बजे
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आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम
मेरे बारे में
आशीष कुमार 'अंशु'
हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही, हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!!
हम हैं दिल की आवाज़...
न किसी का ज़ात जानते हैं,
न किसी की औक़ात जानते हैं....
जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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