शनिवार, 1 नवंबर 2008

खंडवा में भूख से मरते बच्चे


मध्य प्रदेश में लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं. यहाँ लगातार हो रही भूख से मौत शर्मनाक है. जिसकी तरफ़ सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है. उसकी एक ही दलील है, मौत भूख से नहीं बीमारी से हो रही है. जबकि सर्वेक्षण और गैर सरकारी आंकड़े सरकार की असफलता की कहानी कह रहे हैं. मध्य प्रदेश में खंडवा जिलान्तर्गत खलवा प्रखंड कोरकू आदिवासियों का प्रखंड है. यहाँ इनकी संख्या अधिक है. यहाँ कुपोषण की भयावहता सारी सीमा रेखाओं के बाहर है. यहाँ पिछले कई वर्षों से कुपोषण की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं. और आदिवासी समाज के लोग त्राहीमाम-त्राहीमाम कर रहे हैं. लेकिन भोपाल तक उनकी आवाज पहुँच नहीं रही है. या अनसुनी कर दी जा रही है. यह बात तो चौहान (श्योराज सिंह) साहब समझे. खंडवा जिलान्तर्गत रोशनी अस्पताल के ३ किलोमीटर के वृत्त में पड़ने वाले तीन गाँव मोहालखडी, सालीधना और अम्बरा में १२ बच्चों की मौत लगातार हुई है.

3 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

आश्‍चर्य है , 21 वी सदी में भी लोग भूख से मर रहे हैं।

अभिषेक मिश्र ने कहा…

ये खबरें तो अब स्थानीय मीडिया की भी प्राथमिकता नही रहीं. साधुवाद.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

किसे फिक्र है भूख से मरने वालों की? उन की याद तभी आती है जब वे अपनी मदद करने वालों का धर्म स्वीकार करने लगते हैं।

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम