मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

लोकेन्द्र भाई नहीं रहे

कल ही बांदा के पुष्पेन्द्र भाई से पता चला की सर्वोदय आन्दोलन से जुड़े बीजना, मौरानीपुर (झांसी) वाले लोकेन्द्र भाई नहीं रहे. वे बीजना में लम्बे समय से पानी को लेकर काम कर रहे थे.
लगभग २ दर्जन से अधिक कुँए और एक दर्जन से अधिक पोखर अपने आस-पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए तैयार किया।




उनकी अवस्था ८० के आस-पास थी। अभी तक अपने लिए आए तमाम पत्रों का जवाब वे खुद देते थे। उन्हें नेवला पालने का शौक था, २००७ में हुई उनसे मुलाक़ात में मैंने उनसे इस अनोखे शौक के सम्बन्ध में पूछा तो उनका जवाब बड़ा रोचक था। 'आज जब आस्तीन में सांप पालने लगे हैं तो नेवला पालना ही होगा अपनी सुरक्षा के लिए।' नेवला से उनको इतना प्रेम था कि जब इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाईं तो लोकेन्द्र भाई नेवले के साथ जेल गए। उन जैसे सहृदय पुरूष का जाना मन व्यथित कर गया.

4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

bhai sach kahun safed nevlaa pahli baar dekha aapke madhyam se

sahraday shrddhaanjali mahamanaa ko

Udan Tashtari ने कहा…

लोकेन्द्र जी को श्रृद्धांजलि!!

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

सफेद नेवला

इससे तो

नहीं परिचित होंगे

सांप भी



सांपों का भी

इस ब्‍लॉग पर

सफेद नेवलों
को

विलोकने के लिए

स्‍वागत है।


श्रद्धांजलि
मेरी

और

नुक्‍कड़ की ओर।

अफ़लातून ने कहा…

लोकेन्द्र भाई एक बहुत बड़े जमींदार परिवार की पृष्टभूमि से आये ’कांचन मुक्ति’ की भावना से सर्वोदय आन्दोलन से जुड़ गये । उनकी स्मृति को प्रणाम है ।

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम