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बुधवार, 30 सितंबर 2009
आजादी का वो जश्न मनाए तो किस तरह
'आजादी का वो जश्न मनाए तो किस तरह - जो आ गए फूटपाथ पर घर की तलाश में'
इस तस्वीर को देखने के बाद अदम गोंडवी साहब की यह पंक्तियाँ याद आई.
1 टिप्पणी:
admin
ने कहा…
बहुत गजब की पंक्ति है। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM
& SBAI }
1 अक्तूबर 2009 को 5:32 am बजे
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आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम
मेरे बारे में
आशीष कुमार 'अंशु'
हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही, हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!!
हम हैं दिल की आवाज़...
न किसी का ज़ात जानते हैं,
न किसी की औक़ात जानते हैं....
जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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बहुत गजब की पंक्ति है। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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