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बुधवार, 7 अक्तूबर 2009
चिकनी मिट्टी से तैयार हुए बच्चे
यह मेल आज ही पत्रकार लक्ष्मी शरण की तरफ से आया.
आप चाहें तो
केमेल एल्लेन
की वेब साईट पर भी जा सकते हैं.
1 टिप्पणी:
Himanshu Pandey
ने कहा…
क्या गजब ! रचनाधर्मिता को सलाम !
7 अक्तूबर 2009 को 1:08 am बजे
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आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम
मेरे बारे में
आशीष कुमार 'अंशु'
हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही, हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!!
हम हैं दिल की आवाज़...
न किसी का ज़ात जानते हैं,
न किसी की औक़ात जानते हैं....
जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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1 टिप्पणी:
क्या गजब ! रचनाधर्मिता को सलाम !
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