शुक्रवार, 16 मई 2008

कुछ अख़बारों के दुर्लभ अंक





















यह तमाम तस्वीर 'माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता
विश्वविद्यालय, भोपाल' से
अपने ब्लॉग मित्रों के लिय मैं लेकर आया हूँ।



































































































































4 टिप्‍पणियां:

कमलेश प्रसाद ने कहा…

shandaar koshish hai lekin ye tasviro ke rup me hai yadi puri saamgri padhne ko mile to kya baat hai.....

Udan Tashtari ने कहा…

वाह!!! क्या नायाब चीज ले आये. वाकई अगर पढ़ भी पाते!!

Dr. Chandra Kumar Jain ने कहा…

अच्छी पोस्ट.....सार्थक जानकारी.
साहित्य और पत्रकारिता का प्रोफ़ेसर होने के नाते
इनका महत्व भली भाँति जनता हूँ.
आपकी स्वस्थ अभिरुचि प्रशंसनीय है.
बधाई...आगे बढ़ते रहिए.
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डा.चंद्रकुमार जैन

अनूप शुक्ल ने कहा…

शानदार! शुक्रिया!

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम