एकलव्य की साईट से चकमक का लिंक ढूंढ कर भी देते तो बहुत से पाठकों का परिचय चकमक से स्वंय ही हो जाता. सुविधा के लिये इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते है. यह मैने एकलव्य की साईट से है :- http://www.eklavya.in/go/index.php?option=com_content&task=category§ionid=13&id=57&Itemid=84
असल में एकलव्य ने इनको कविता पोस्टरों के रूप में छापा है। यही नही इस तरह की कविताओं की एकलव्य ने किताबें भी प्रकाशित की है। ये कवितायें एकलव्य के प्राथमिक शिक्षण कार्यक्रम की पाठ्य पुस्तक खुशी खुशी में संकलित है। चकमक एकलव्य का ही प्रकाशन है। बहरहाल अंशु भाई को ब्लाग पर कविताओं को डालने के लिए धन्यवाद।
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!! हम हैं दिल की आवाज़... न किसी का ज़ात जानते हैं, न किसी की औक़ात जानते हैं.... जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
7 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा किया । कविताएं 'चकमक' में छपी हैं या 'एकलव्य' के परचों में ?
कविताएं 'चकमक' कार्यालय से बरामद हुई हैं
उन्होने इन प्यारी कविताओं को प्रवेश द्वार पर ही लगा रखा है.
एकलव्य की साईट से चकमक का लिंक ढूंढ कर भी देते तो बहुत से पाठकों का परिचय चकमक से स्वंय ही हो जाता. सुविधा के लिये इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते है. यह मैने एकलव्य की साईट से है :-
http://www.eklavya.in/go/index.php?option=com_content&task=category§ionid=13&id=57&Itemid=84
बढिया कविताये है।
बहुत बढ़िया कविताऐं लायें है बच्चो के लिए. आभार.
असल में एकलव्य ने इनको कविता पोस्टरों के रूप में छापा है। यही नही इस तरह की कविताओं की एकलव्य ने किताबें भी प्रकाशित की है। ये कवितायें एकलव्य के प्राथमिक शिक्षण कार्यक्रम की पाठ्य पुस्तक खुशी खुशी में संकलित है। चकमक एकलव्य का ही प्रकाशन है। बहरहाल अंशु भाई को ब्लाग पर कविताओं को डालने के लिए धन्यवाद।
श्रेष्ठ.....सुंदर....प्रस्तुति.
बधाई
डा.चंद्रकुमार जैन
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