एक्स -वाई की एक कहानी
एक्स के हर्ट रूम में ऐ, बी, सी, डी, ई, ऍफ़, जी ...... वाई जैसे ना जाने कितने स्विच थे. वह जब चाहती एक स्विच को ऑन करती और ऑन स्विच को जी भर कर दुलार करती. फ़िर उस स्विच को ऑफ कर दिया जाता. यह सिलसिला चलता हुआ वाई तक पहुंचा. उसे जी भर कर एक्स का दुलार मिला. जब बारी स्विच ऑफ की आई तो वह ऑफ होने को तैयार नहीं हुआ. वाई कोई विद्रोही किस्म का जीव जान पङता था. और एक्स को विद्रोह पसंद नहीं था. उसने फ़ौरन अपने हर्ट रूम के स्विच बोर्ड से वाई नामक स्विच को उखार फेंका. सुना है आजकल किसी 'क' नाम के स्विच ने वाई की जगह ले ली है. और 'ऑन' होने के लिए मचल रहा है.
7 टिप्पणियां:
yah X-Y kaun hai Bhai
Rajnish
bahut aacha. kam sabdon me bahut kuch kahne ka hunar tum jan gai ho. apne kathakar ko khad-pani dete raho.meri hardik badhai!
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
अंशु
ये कहानी है या डायरी या संत्रास या गुस्सा...खुद करो फैसला पर कोशिश अच्छी है...
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
कहानियां छोटी हो और अर्थों को संजोए हो तो क्या कहने............
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