सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

मल्लिका सहरावत में पवित्र आत्मा के दर्शन


शकराचार्य श्री राघवेश्वर भारती जी को मल्लिका सहरावत में पवित्र आत्मा के दर्शन हुए. यह मेल आज ही रविशंकर भाई की तरफ से आया है. वे पत्रकार हैं और शंकराचार्य के इस बयान से आहत हैं. आप तो आहत नहीं?

7 टिप्‍पणियां:

ab inconvenienti ने कहा…

आत्मा तो पवित्र ही होती है, बस उसपर दुनियादारी का पर्दा पड़ा रहता है. सभी की आत्माओं में पवित्रता है.

Kautilya ने कहा…

Every soul is an Holy soul. But Mallika has got a beautyfull body too. I think Swamyjee is appreciating that one.

बेनामी ने कहा…

मल्लिका देश को धर्म सम्प्रदाय में बांट कर उल्लू सीधा नहीं करती
संसद में न सांसदों को खरीदती है, न बेचती है
न्याय के नाम पर वकील और जज की दुकानदारी नहीं चलाती
खबर बेचने का धंधा नहीं करती

फिर ये पवित्र आत्मा कैसे नहीं हुई?

आतंकवादियों को सरोपा दे दिया जाता है, बेईमान भ्रष्ट नेता के आगे पीछे कलावन्त, गुणबन्त जी हुजूरी बजाते हैं

मल्लिका तो इन सबसे अच्छी है भाई.....

Rajeysha ने कहा…

क्‍यों? बाकी हम सब में अपवित्र आत्‍माएं दि‍खती हैं।

संजय बेंगाणी ने कहा…

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि.

अजय कुमार झा ने कहा…

हो गये न पवित्र आत्मा के दर्शन ..बस अब उन्हें स्थापित कर दिया जाये कहीं...ताकि लोग बाग बेकार इधर उधर न भटकें..

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

अच्‍छी कही

आत्‍मा तो सच्‍ची रही

सदा सच्‍ची ही रहेगी

निगाह अच्‍छी हो तो

दिखाई अच्‍छा ही देता है

आत्‍मा में तो
परमात्‍मा का वास होता है

सब उसे ही तो तलाश रहे हैं

भारती जी की तलाश पूरी हुई

हमारी अधूरी है

पता नहीं कब मिलेगी

हमें आलू के संग पूरी है।

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम