पिछले दिनों मेरठ जाना हुआ, वहीं के एक गाँव से यह तस्वीर लाया हूँ. इसे देखने के बाद लगा, मानों यह तस्वीर कुछ कहना चाहती है, मुझसे - आपसे। क्या आपको एसा नहीं लगता?
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!! हम हैं दिल की आवाज़... न किसी का ज़ात जानते हैं, न किसी की औक़ात जानते हैं.... जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
5 टिप्पणियां:
Raam aur Rahim ek saath...waah.
तस्वीर तो कह ही रही है बस हम सब उसे अनदेखा करते है।
हर तस्वीर कुछ कहती है। जो बात आप एक हजार शब्दों में नहीं कह सकते उसे एक तस्वीर कह देती है।
मेरा शहर है भाई.......सो तस्वीर तो कुछ बोलेगी ही......
लग तो रहा है~!!
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