अपनी आजादी को हम हर्गीज बचा सकते नही
सर झूका सकते है लेकिन
सर कटा सकते नही
गुरुवार, 29 मार्च 2007
अंशु के दोहे
अच्छा जो देखन मैं चला अच्छा मिला ना कोई
जो दिल देखा आपना मुझसे भला ना कोई
अंशु इस संसार मे सबसे मिलिए जाय
ना जाने किस भेस मे पत्रकार मिल जाय
जला है आलू का पराठा जहा आलू भी जल गया होगा
लगा रहे हो जो सौस का मलहम जुस्तजू क्या है
नेता अभिनेता दोउ खरे काके लागू पाए
बलिहारी नेता आपने जो अभिनय दिया सिखाय
जमीन पर आदमी है आसमान मे तारे है
जमीन के अन्दर जाकर देखो वह पानी ही पानी है
पानी ही पानी है
जो दिल देखा आपना मुझसे भला ना कोई
अंशु इस संसार मे सबसे मिलिए जाय
ना जाने किस भेस मे पत्रकार मिल जाय
जला है आलू का पराठा जहा आलू भी जल गया होगा
लगा रहे हो जो सौस का मलहम जुस्तजू क्या है
नेता अभिनेता दोउ खरे काके लागू पाए
बलिहारी नेता आपने जो अभिनय दिया सिखाय
जमीन पर आदमी है आसमान मे तारे है
जमीन के अन्दर जाकर देखो वह पानी ही पानी है
पानी ही पानी है
मंगलवार, 27 मार्च 2007
मेरी कविता
दो लफ्ज
मन्दिर गिरा हल्ला हुआ
मस्जीद गिरी दंगा हुआ
क्यो नही कुछ हुआ
जब गिर गया इन्सान
जब गिर गया उसका जमीर
जब गिर गया उसका इमान
मन्दिर गिरा हल्ला हुआ
मस्जीद गिरी दंगा हुआ
क्यो नही कुछ हुआ
जब गिर गया इन्सान
जब गिर गया उसका जमीर
जब गिर गया उसका इमान
निमंत्रण
क्या लिखू
सिर्फ इतना कि मुझसे दोस्ती करोगे
अगर जवाब हां है तो मिलाओ हाथ
आपके जवाब का इंतजार रहेगा
भवदीय
आशीष कुमार अंशु
9868419453
सिर्फ इतना कि मुझसे दोस्ती करोगे
अगर जवाब हां है तो मिलाओ हाथ
आपके जवाब का इंतजार रहेगा
भवदीय
आशीष कुमार अंशु
9868419453
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आशीष कुमार 'अंशु'

वंदे मातरम