ये हर अजाब नहीं है तेरा तो किसका है,
क्यों अपने लोगों को पहचानता नही है तू
(पाकिस्तान के लिए कही गई पंक्ति थी)
अगर कसाब नहीं है तेरा तो किसका है?
- तहसीन मुनव्वर
२
- सिंध सदियों से हमारे मुल्क की पहचान है,
ये नदी गुजरे जहाँ से समझो हिन्दुस्तान है।
- मदीने तक में हमने मुल्क की खातिर दुआं मांगी,
किसी से पूछ लो इसको वतन का दर्द कहते हैं।
- तेरे आगे अपनी माँ भी मौसी जैसी लगती है,
तेरी गोद में गंगा मैया अच्छा लगता है।
- मुनव्वर राना