क्या तीर मारा भाई। जाने अनजाने में मोदी का भला ही हो गया। पुन्य प्रसून वाजपेयी का साक्षात्कार नए वाले चॅनल समय पर देखा, कितने अच्छे सवाल पूछे उन्होने, वाह-वाह। गुजरात की सच्ची तस्वीर समाज के सामने आई। दूसरी तरफ वह तेजपाल जी, गडे ही मुर्दे उखारने में लगे है। कल ही बस में एक भाई को बोलते ही सूना, इनसे मोदी का कुछ नहीं उखरेगा, सिर्फ ये गडे मुर्दे ही उखार सकते हैं।
नाम से भी फर्क आ जाता है, तरुण भाई ने जो काम किया, उसमे उनकी तरुनाई नजर आती है, अती उत्साह में आकर उन्होने एक ऐसी सीडी बनाई जिससे देश में एक बार फिर से सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते थे, (खैर, लोग समझदार हो गए हैं, इसलिय 'आज तक' की बातों में नहीं आय।) पुण्य का काम किया पुण्य प्रसून वाजपयी ने जो अपने नए चॅनल की शुरूआत ही एक नेक साक्षात्कार से किया।
भाई बाबू बजरंगी ने चॅनल पर अपने वीरता के किस्से सुने, हद कर दी उन्होने बेशर्मी की। ऐसे ना जाने कितने लोग है। बताया जा रहा है तरुण जी के कैमरे के जाल में फंसे ज्यादा नेता वे थे जो गुजरात में भाजपा की सरकार आने के बाद मलाई खाना चाहते थे, मगर मोदी के नेतृत्व में यह मौका उन्हें नसीब नहीं हुआ, मेरी बात सुन कर मेरे कई मित्र परेशान होंगे, यह एक नरभक्षी की वकालत क्यों कर रहा है? मगर मोदी की यह तस्वीर मीडिया ने गढी है। मैं गुजरात होकर आया हूँ, मुसलमानों से बात की है मैंने। वह खुश है मोदी के राज में। क्या कोई छापेगा इसे। हाँ जहाँ तक नैतिकता की बात है मोदी को मुख्यमंत्री के नाते सांप्रदायिक दंगों की जिम्मेवारी लेनी चाहिय, लेकिन भाई तरुण जी को यह सब चुनाव के समय क्यों याद आ रहा है। वह नहीं जानते जाने-अनजाने में वे मोदी की मदद ही कर रहे हैं।
-कुछ दिनों पहले ही मैंने तहलका के संघर्ष की कहानी अपने ब्लोग पर प्रस्तुत किया था, इस घटना के बाद मुझे इस बात का अफ़सोस है, मैंने ऐसा लेख क्यों दिया।
बुधवार, 31 अक्टूबर 2007
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11 टिप्पणियां:
आशीष जी मुझे नहीं आपने किन मुसलमानों से बात की...खैर बात मैंने भी की थी..लेकों तस्वीर जुदा है आपसे...खैर विकास अपनी जगह है और २००२ का कलंक अपनी जगह
यहाँ तो सभी राजनैतिक दल एक दूरसे से बड़ कर हैं। किसे अच्छा कहे और किसे बुरा...एक सेर है तो दूसरा सवाअ सेर।
आशीष जी, क्या इस बात से सच्चाई बदल जाएगी कि उसे किस समय उजागर किया गया? तहलका ने अब जो कुछ बताया है अगर वह चुनाव के समय न बताया होता तो आप मान लेते कि मोदी ने गलत किया था? और, तहलका ने कोई नई बात नहीं कही है, बस उसे प्रामाणिक तरह से पेश किया है. क्या इसके बाद भी यह बात किसी के गले उतरेगी कि गुजरात में मुसलमान मोदी के साथ हैं?
सही कहा आपने, आपके ब्लाग पर पहली बार आया हूँ अच्छा लगा बधाई।
इसीलिए कहते हैं कि सही होने से ज्यादा जरूरी है राजनीतिक रूप से सही होना। स्टिंग ऑपरेशन सच दिखाने के बावजूद अपने ही दुश्मन मोदी का भला कर गया, इसमें कोई दो राय नहीं है।
नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता के बाद सर्वाधिक काबिल मुख्यमंत्री हैं
भइये, ये मलाई का कटोरा है न राजनीति का, जितना भी टेढ़ा करो, मलाई बाहर नहीं गिरने की. आप कितनी भी कोशिश करो राजनीति की धुलाई करने की, अंततः लाभ वे ही कमायेंगे. आप टापते ही रहिये
आप से सहमत हूँ. बहुत सही दिया आपने.
सही कहा.
कभी समालोचक को भी पढिए.....
tarun ji ne yeh cd court ko uplabdh karai hoti to upyogi hota, lekin political milege ke liye kiya kary ulte muhn padha, punya prasoon ji ka prayas sarahaniye hai, saadhuvaad saath mein anshu ko bhi
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