
इस कलाकार से मेरी मुलाकात दिल्ली से पटना जाते हुए मगध एक्सप्रेस में हुई थी। यह कलाकार मुझे ट्रेन में भीख मांगता हुआ, आरा के पास मिला। यह ठीक से बोल नहीं सकता, ठीक से देख भी नहीं सकता। लेकिन बिना किसी वाद्य यन्त्र की सहायता लिए यह जिस तरह की ध्वनी निकाल रहा था, वह काबिलेगौर ही नहीं, काबिलेतारीफ भी था।
क्या किसी रियलिटी शो में इसे जगह मिल सकती है?


5 टिप्पणियां:
Considering the fact that it could be more accurate in giving informations.
ah guru man gye
वाह भाई जी!झकझोरने वाली बात कही आपने.
आलोक सिंह "साहिल"
क्या कहें-ऐसे कितने ही कलाकार यूँ ही दम तोड़ देते है रोज..
आह री जिंदगी
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