रविवार, 27 जुलाई 2008

अश्लील सी डी का खुला बाजार


दिल्ली के पालिका बाजार से अहमदाबाद तक हर जगह छुप-छूपा कर अश्लील सीडियों का बाजार फल-फूल रहा है। बीच में ऐसे बाजारों में छापे मारकर पुलिस हजार- दो हजार सीडियां जप्त कर समाज को अपनी उपस्थिति का अहसास भी दिलाती है. लेकिन कोलकाता पुलिस उदारता के मामले में देश भर की पुलिस से दो कदम आगे है. तभी तो दूकानदार बंधुओं को यहाँ इस तरह की सी डी छूपा कर नहीं बेचनी पड़ती. आप ग्राहक हैं और वे दूकानदार, अपने मतलब की चीज लीजिए और दाम दीजिए - चलते बनिए.
:-यह तस्वीरें कोलकाता के सीआलदह रेलवे स्टेशन परिसर की हैं.






































3 टिप्‍पणियां:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

कोलकत्ता लगता है यूरोप या अमेरिका की नक़ल कर रहा है...वहां तो ऐसी बहुत सी दुकाने हैं जहाँ सिर्फ़ वयस्कों के लिए ही डी.वि.डी. मिलती हैं...सभी उम्र के स्त्री पुरूष उसमें ऐसे जाते हैं जैसे हम लोग किसी माल में..धड़ल्ले से.
नीरज

राज भाटिय़ा ने कहा…

नीरज जी आप की बात ठीक हे हमारे यहां,ऎसी वस्तुये आम मिलती हे लेकिन इन का अलग स्थान होता हे,जहां १८ साल से कम लोग जा नही पाते, लेकिन भारत तो युरोप से ४ कदम आगे हे, मेने दिल्ली मे देखी हे यह सब सरे आम बिकती,लेकिन क्या करे,
ओर आषीश भाई उस दुकान दार को तो पता भी नही होगा जिस की आप ने फ़ोटो खिची हे वो तो बहुत खुश नजर आ रहा हे

Anil Kumar ने कहा…

कुछ दिनों पहले अनायास ही एक मज़ाकिया स्टेटमेंट दे दी थी मैंने एक दोस्त से गपशप करते हुये। कहा था कि "कम्युनिस्ट तो हर चीज़ को ना ही कहता है"। अश्लील सामग्री बेचने पर रोक लगाने में भी वे "ना" कह गये! भला हो कलकत्ता, पश्चिम बंगाल, भारत और कम्युनिस्टों का!

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम