गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

आर.के लक्ष्मन स्पेसल

आर के लक्ष्मन द्वारा तैयार ये सभी कार्टून मेरे दोस्त रितेश की जानिब से वाया मेल आई है। सोचा इन तीखे व्यंग्यों का आनन्द मैं अकेला भला क्यों लूँ? इस वजह से आप सबों को भी शामिल कर रहा हूँ. हो सकता है आप में से कइयों ने इसे 'टाइम्स आफ़ इंडिया' या कहीं और भी देखा हो. खैर...




10 टिप्‍पणियां:

Kirtish Bhatt ने कहा…

सभी कार्टून बेहतरीन हैं लेकिन ये कार्टून आर के लक्षमण के नहीं, अजित नेनन के हैं.

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

http://images.google.co.in/imgres?imgurl=http://i81.photobucket.com/albums/j214/gabrielrajasekaran/R%2520K%2520Lakshman/1.jpg&imgrefurl=http://www.mentalmasala.com/2008/02/r-k-lakshmans-cartoons.html&usg=__THgUlZM3XGMkAP0aIOWefUr2a3w=&h=487&w=283&sz=32&hl=en&start=4&um=1&tbnid=Dz35wh-ntEdcHM:&tbnh=129&tbnw=75&prev=/images%3Fq%3DRK%2Blakshman%26hl%3Den%26sa%3DN%26um%3D1

(माफी चाहूंगा. अब मेल में हुई गडबडी की जड़ भी मिल गई. खैर, आर.के. लक्ष्मन की जगह इस नेनन अगली बार उनके कार्टून भी तलाश लाएंगे. असुविधा के लिए खेद. )

रंजू भाटिया ने कहा…

बढ़िया लगे यह कार्टून ..आभार

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

एक से बढ़कर एक

भावनाएं सब ही हैं

नेक

देख भाई देख
नेनन से देख।

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Badhiya hain.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

क्रितीश ने सही कहा है.
इतनी बड़ी गलती से बचना चाहिए.

sandeep sharma ने कहा…

बहुत खूबसूरत पोस्ट...

संगीता पुरी ने कहा…

वाह !! एक से बढकर एक।

विवेक रस्तोगी ने कहा…

ऐसे कार्टून गुदगुदा जाते हैं ।

अनिल कान्त ने कहा…

ultimate...superb
all are awesome

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम