इस बार सिवनी (मध्य प्रदेश) जिलान्तर्गत लखनादोन जाना हुआ. वही भटकते-भटकते यह मील का का पत्थर दिखा. बात जमी. वाह कोई इसी जगह भी हो सकती है जिसका नाम कहानी हो. 'कहानी' की 'कहानी' कभी और अभी मील का पत्थर ...
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!! हम हैं दिल की आवाज़... न किसी का ज़ात जानते हैं, न किसी की औक़ात जानते हैं.... जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
3 टिप्पणियां:
'कहानी' का इंतजार है.
अंशु जी, जब कहीं नयी जगह पर जाते हैं तो ऐसे ही नाम दीखते हैं.
इनकी कहानी पूछनी हो तो उस जगह के एकाध बूढों से मिलो.
ACHCHI KAHANI HAI BHAI....
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