शनिवार, 9 मई 2009

महँगा है किसी स्त्री को मनाना

समझ नहीं आता इस मेल का जवाब क्या दूं, सवाल ही थोडा अटपटा है मगर है मसला गंभीर, आखिर लड़कों का दिल इतना नाजुक क्यों होता है, जो मानों हमेशा पिघलने को तैयार होता है. दूसरी तरफ लड़कियां हैं...


वल्ल्लाह क्या कहें ... आप खुद ही देख लें उनको खुश करने के लिए क्या-क्या करना पङता है... मेल के अनुसार लड़कियां २५ रूपये में पुरूष का दिल जीत सकती है और लड़कों के लिए पूछिए मत ...

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

इत्ता ज्यादा भी न खुश कर दो कि खुशी झेल ही न पायें. :)

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

महंगा नहीं
गहना ही है
किसी स्‍त्री
को मनाना।

शेफाली पाण्डे ने कहा…

आखिर भगवान् कहीं तो इन्साफ करेगा ....
स्त्री होना जितना सस्ता है
उसे मनाना उतना ही कठिन

Akhileshwar Pandey ने कहा…

आपने यह तो सुना ही होगा-
रुठे रब को मनाना आसान है,
रुठे यार को मनाना मुश्किल।

आशीष कुमार 'अंशु'

आशीष कुमार 'अंशु'
वंदे मातरम