जी मनोहरजी की तस्वीरों में जानों कोई ‘कला-जादू’ (इसे काला जादू ना पढ़े) है, जो अपने कला पारखियों को अपने साथ बांध लेती है। आप इन्हें देखें तो हो सकता है, पेंटिंग से आपकी नजरें हटने से इंकार कर दें, क्यों?????
अपनी ही कहते रहोगे या मेरी भी सुनोगे सरकार....!!! हम हैं दिल की आवाज़... न किसी का ज़ात जानते हैं, न किसी की औक़ात जानते हैं.... जो सही लगे, बिन्दास बोलते हैं ....
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