वेबसाइट वाले गाँव का पता - http://www.smartvillages.org/hansdehar/index.htm
ज़रा क्लीक करके नजारा कर लो -
आज बात करते हैं, गाँव तक पहुचाने की। हरियाणा के नरवाना कसबे तक जाय। उसके बाद ज़रा सी परेशानी उठा कर दतासिन्ह्वाला पहुचे। उसके बाद के २-३ किलोमीटर के लिय हो सकता है आपको कोई सवारी ना मिले। कोई गाँव वाला आपकी हालत पर तरस खा कर आपको लिफ्ट दे-दे तो यह एक अलग बात होगी।
बताया जा रहा है, हंसदेहर मॉडल पर देश के ६ लाख ४० हजार गाँव को जोड़े की योजना है। लेकिन जबतक गाँव वाले इंटरनेट की तकनीक नहीं समझेगे, यह नहीं समझेगे कि यह इंटरनेट है क्या? वह इसका लाभ कैसे उठा पायेगे?
एक किस्सा और इस वेबसाइट गाँव से। संतो देवी गाँव की सरपंच है। लेकिन सरपंच के तौर पर उसके पति हीं गाँव में जाने जाते हैं। बकौल संतो गाँव में ऐसा हीं होता है।
बात यहाँ सरपंच की नहीं है। बात है जागरूकता की कमी की। इंटरनेट और वेबसाइट जैसे शब्द जिस गाँव के साथ जुड़ जाय। उस गाँव से लोगों की इतनी अपेक्षा तो स्वाभाविक है कि उस गाँव के लोग शिक्षित हों। अधिकारों के प्रति जागरूक हों। शायद अशिक्षा और जागरूकता की कमी की वजह से हीं यह गाँव पिछड़ा रह गया।
सोमवार, 29 अक्टूबर 2007
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
आपका ब्लोग देखा. आप बहुत बढिया लिख रहे हैं है इस जारी रखिये.
दीपक भारतदीप
एक टिप्पणी भेजें