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यह तस्वीरें मुझे मेल टुडे के फोटो पत्रकार राहुल ईरानी ने उपलब्ध कराई हैं।
यह एन एस डी (मंड़ी हाउस, दिल्ली) में हुय। एक प्ले (नाटक) का दृश्य है।
यह कलाकार उज़बेकिस्तान से भारत इस प्ले के सिलसिले में आय थे।
जैसा कि आप जानते हैं उज़बेकिस्तान एक इस्लाम बहुल देश है। और हमारे समाज में यह धारणा है कि दुनिया
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छुपाया (बुर्के में रखा) गया है।
इस प्ले ने इस मीथ को तोडा है।
इन दृश्यों में देखने वालों को अश्लीलता इस नजर नहीं आई क्योंकि यह कलाकार जो दृश्य अभिनीत कर रही है,
वह प्ले की मांग है।
आज के हिन्दी फिल्मों की तरह सिर्फ़ दिखावा के लिय यह दृश्य नहीं है।
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मुझे विश्वास है सुधी ब्लॉग पाठकों को इन तस्वीरों से कोई आपत्ति नहीं होगी।

जो भी है आपके सूझाव मेरे लिय महत्वपूर्ण हैं।
3 टिप्पणियां:
आपकी सोच भले ही उच्च दर्जे की हो सकती है किन्तु एक टिप्पणी मेरे ब्लाग पर भी आई थी समय मिले तो पढिये गा।
http://akhirikalam.blogspot.com/2008/01/blog-post_10.html
मुझे कोई बुराई नही दिखती. कलाकार हैं, प्ले की मांग हो तो जरुर कर सकते हैं
Lage raho aaur kya kah sakta hun.........................aaj kal isi ki demand hai......basarte kalakar apne ghar aangan ki na ho....kyon ki demand hai to dikhana parega na.....
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