
शंभू शिखर मेरे दोस्त का नाम है. वह पिछले दिनों राजघाट के पास एक दुर्घटना का शिकार हुआ और डाक्टर ने एक महीने बिस्तर पर रहने की सलाह दे डाली. अब शंभू जिसे हमेशा भागने की आदत है .. यहाँ से वहाँ और वहाँ से यहाँ. इस तरह तो फंस गया - अब भी वह कभी-कभी जीद कर बैठता है- उसे बाहर जाना है. शंभू का थोडा परिचय- वह २००२-०५ तक दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रतियोगिताओं में नजर आता रहा. खूब इनाम बटोरे. लाफ्टर चैलेंज (स्टार वन) में भी नजर आया. उसके बाद दिल्ली से पटना तक के लाफ्टर के कार्यकमों में वह दिखने लगा. जब मैंने पूछा 'बीमारी में तो खूब सारे फोन आ रहे होंगे तुम्हारे पास दुआ-सलाम के', शंभू ने अपने लाफ्टर अंदाज में कहा- 'दुआ की कौन कहे, बद्दूआ वाले फोन भी नहीं आ रहे.' अब मैं शंभू के लिय क्या कर सकता हूँ, इतना तो कर ही सकता हूँ कि उसका नंबर आपको बता दूँ. और दुआ-बद्दुआ- सलाम (आप चाहें तो कर सकें) --- ०९९१०४५३३८६-०९९९९४२८२१३ शंभू दिल्ली में है. आप उससे बात कर सकते हैं - जानते हों फ़िर भी और ना जानते हों फ़िर भी.
वह बुरा नहीं मानेगा। विश्वास रखिए। (हा हा हा हा ...)
10 टिप्पणियां:
हुम! शम्भू को तो आपको ब्लॉग लिखना सिखा देना था न!
जल्दी ठीक हो जाओ शंभू जी..थोड़ा मुस्कुराईए न
वो जल्दी से ठीक हो कर दुबारा ठहाके लगाने हमारे बीच आए ...ये ही कामना है .
नीरज
आशीष जी,
अभी मारता हूँ ट्राई
शट यार, बैटरी डाउन है. चलो थोडी देर में करता हूँ. वोडाफोन का ही नंबर है ना?
are yar rajyog hai. aaram karne do.
शंभू जी जल्दी ठीक हों।
शंभू जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है.
hain main raajyog bhoj rha hun....
खूब दिलकश है ये अंदाज़ बहुत,
खामुशी कह रही है राज़ बहुत.
अभी कुछ मर तो नहीं जायेंगे,
गो तबियत से हैं नासाज़ बहुत."--- नीलाम्बुज
न गिला करता हूं न सूखा करता हूं
तू सलामत रहे दुआ करता हूं ?
आदाब ?
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