चिराग के लिए और उसकी रचनाओं के लिए क्या कहूं, बस इतना ही की .'चिराग का परिचय उसकी रचना दे तो ज्यादा बेहतर हो.'
अब चिराग का परिचय भी उसकी रचना दे तो ज्यादा बेहतर हो. इस बार चिराग की एक ताजा गजल. जो दो दिन पहले अजमेर यात्रा के दौरान हुई है. आप चाहे तो चिराग से बात भी कर सकते हैं- उसका मोबाइल नंबर है- (०९८६८५७३६१२)

उनको लगता है ये चांदी और ये सोना अच्छा,
मैं समझता हूँ कि एहसास का होना अच्छा.
मैंने ये देख के मेले में लूटा दी दौलत,
मुर्दा दौलत से तो बच्चों का खिलौना अच्छा.
जिसके आगोश में घुट-घुट के मर गए रिश्ते,
ऐसी चुप्पी है बुरी, टूट के रोना अच्छा.
जिसके खो जाने से रिश्ते की उम्र बढ़ जाए,
जीतनी जल्दी हो उस अभिमान का खोना अच्छा.
अश्क तेजाब हुआ करता है दिल में घुटकर,
दिल गलाने से पलकों का भिगोना अच्छा.
मेरे होते हुए भी कोई मेरा घर लुटे,
फिर तो मुझसे मेरे खेतों का ड़रोना अच्छा.
जबकि हर पेड़ फकत बीच में उगना चाहे,
ऐसे माहौल में इस बाग़ का कोना अच्छा.
राम खुद से भी पराए हुए राजा बनाकर,
ऐसे महलों से वो जंगल का बिछौना अच्छा.
उसके लगने से मेरा मन भी संवर जाता था,
अब के श्रृंगार से अम्मा का डिठौना अच्छा.