मोहम्मद सरीब मंदसौर (मध्य प्रदेश) में ०२ नंबर रूट (बस पड़ाव से मंडी तक) पर शेयर ऑटो चलाने का काम करते हैं. इनके ऑटो में लगी घडी में कोई काँटा नहीं है. जब उनसे बात हुई, उन्होंने बताया- यह गाडी उनके लिए नहीं है, जिनको जल्दी है, क्योंकि यह चलेगी अपने हिसाब से. जिनको जल्दी हो वे कोई दूसरी सवारी ले सकते हैं. इसी बात को सवारियों तक पहूँचाने के लिए यह घडी लगाईं है. जब कोई सवारी जल्दबाजी करती है तो मैं उन्हें यह घडी दिखा देता हूँ..
अब यह घडी कोई दिल्ली के ब्लू लाइन वालों को बेचे तो मुझे लगता अच्छी बिक्री हो सकती है .. क्यों क्या ख्याल है???
3 टिप्पणियां:
bahut behater khyal hai.apane apane deshi tarike hai logo ko samjhane ke.
नूतन विचार है । शुभकामनायें ।
हां, जी
बहुत अच्छा ख्याल है.
वैसे ब्लू लाइन वाले लेट नहीं होते, सुपरफ़ास्ट होते हैं.
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